सिद्ध गठियावात नाशक कल्पचुर्ण



      

   सिद्ध गठियावात नाशक योग:

गठिया रोग से पाएं मुक्ति


ESR और यूरिक एसिड बढ़ा हो और जोड़ो में पुराना दर्द रहता हो तो यह योग रामबाण है। 6 महीने दवा लगातार दवा करे। 100% गठिया रोग से मिलेगी मुक्ति।

= गठिया वातदर्द नाशक चुर्ण
= शुद्ध शिलाजीत
= ऑर्थोनाइल टैबलेट





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सिद्ध गठियावात नाशक क्ल्पचुर्ण


हरसिंगार 250 ग्राम

त्रिफला 250 ग्राम

इन्द्रयाण अजवाइन 125 ग्राम

गिलोय चूर्ण- 100 ग्राम

मैथी दाना -100 ग्राम

अजवायन -100ग्राम

चरायता -100 ग्राम

सहजन छाल-100ग्राम

काली जीरी 50 ग्राम

कड़ु - 50 ग्राम

सुरजन जीरी -50 ग्राम

हारसिंगार के -50 ग्राम

पते

नागौरी असगन्ध -50ग्राम

सौंठ -50 ग्राम

अलसी बीज -50 ग्राम


पिपरामूल, चित्रकमूल, च्‍वय, धनिया, बेल की जड,  सफ़ेद जीरा, काला जीरा, हल्‍दी,लोंग, दारूहल्‍द , गोखुरू, खरैटी,  शतावरी,इंद्रायाण लाल, मीठा,शिलाजीत, शुद्ध कुचला, बड़ी इलायची, दालचीनी, तेजपात, नागकेसर 10-10ग्राम।

योगराज गुग्‍गल 400 को कूटने के बाद बारीक पीस लें और छान कर मिला लें।


कैसे सेवन करें

से सेवन करे। बाद में 200 ग्राम दूध जरूर इस्तेमाल करे।
नोटः हो सके तो बकरी का दूध इस्तेमाल करे। जिस से दवा जल्दी काम करना शुरू कर देती है।

दिन में 3 बार धतूरा रस युक्त दर्द निवारक तेल मालिश करे।

➡️ 1 चम्मच चुर्ण
➡️ 2 टैबलेट arthonile
➡️ 1 कैप्सुल शिलाजीत
यह एक खुराक है। सुबह शाम खाने से 30 मिनटों बाद ताजे पानी




साथ यह काढ़ा जरूर शामिल कीजिए➡️असगंधरिषट+महारास्नादि काढा और

दशमूलारिष्टा 2-2 चम्मच मिलाकर 3 बार लें ।


नोटः सिद्ध गिलोय काढ़ा भी आप गाठिया रोग में लगातार इस्तेमाल कर सकते। गिलोय का काढ़ा कैसे बनाएं आप यह लिंकः देख सकते हैं -https://bit.ly/2WHCDQE



कब तक सेवन करना चाहिए 


➡️ यूरिक एसिड के लिए 21 से 45 दिन तक गठिया में 90 दिन से 180 दिन तक सेवन करें ।


भोजन एवं परहेज:


पथ्य:


1. सबसे पहले किसी संस्थान में चिकित्सक की देख-रेख में 2-3 दिनों तक उपवास करना चाहिए।


2. आर्थराइटिस के रोगी के भोजन में वसा, प्रोटीन और नमक कम होना चाहिए।


3. कभी-कभार क्रीम निकला दूध, अन्न, फल, सब्जियों का सलाद का सेवन करना चाहिए।


4. रसदार फलों का और उन फलों का रस ज्यादा मात्रा में लें, जिनमें विटामिन `सी´ शामिल है। ऐसा करने से रोगी की प्रतिरोधक क्षमता में ही सुधार नहीं होता बल्कि जोड़ों और ऊतकों की रक्षा करने वाली प्रणाली भी मजबूत होती है।


5. आर्थराइटिस के रोगी को ज्यादा से ज्यादा फलों, सब्जियों और सलाद का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जिससे रक्त की क्षारिता में ही वृद्धि नहीं होती बल्कि इन चीजों में पोटैशियम भी काफी होता है, जो एक ऐसा खनिज पदार्थ है जिससे ज्यादा मात्रा में नमक सेवन करने के कारण शरीर में जमा हो जाने वाले द्रवों को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है।


अपथ्य:


1. आर्थराइटिस से पीड़ित रोगी को दूध, दही और छाछ का सेवन नहीं करना चाहिए।


2. तली हुई चीजों, मक्खन, डिब्बा बंद पनीर, मलाई वाला दूध, मांसाहारी भोजन, अधिकांश मेवे, केक, पेस्ट्रियों और चीनी को सेवन नहीं करना चाहिए।


3. ऐल्कोहल, काफी, चाय और धूम्रपान से परहेज करना चाहिए।


5. विशेष गाउटी आर्थराइटिस के रोगियों के उच्च प्रोटीनयुक्त भोजन, विशेषकर मांसाहारी भोजन, पालक, खूब, फूलगोभी, दाल और मटर आदि का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए।



नोट ➡️  खूद दवा तैयार करें । हम आपके साथ रहेंगे ।दवा शुरू कर हमे काल जरूर करते रहे । हम आप का ह्रदय से साथ देगे ।


Online भी मंगवा सकते हैं।

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