जिदी जुकाम ,कफ़ खाँसी और बुखार की रामबाण दवा

सिद्ध अयूर्वादिक

     जिदी जुकाम ,कफ़ खाँसी और
         बुखार की रामबाण दवा

गिलोय चूर्ण 100 ग्राम
आंवला चूर्ण 100 ग्राम
छोटी हरड़ 100 ग्राम
तुलसी पाचांग-100 ग्राम
चरायता चूर्ण 50 ग्राम
अजमायण-50 ग्राम
मलॅठी-20 ग्राम
सौंठ-20 ग्राम
काली मिर्च -10 ग्राम

सभी  चूर्ण को मिलाकर रख ले ।

दिन मे 4 बार  2-2 ग्राम  3-3 घंटे बाद लेते रहे ।
3 दिन पूर्ण आराम जरूर करे।
★★★
साथ में काढ़ा जरूर ले

 ★काढ़ा कैसे बनाए★

6 ग्लास पानी लेकर आग पर रख दे।
उसमे नीचे लिखी सामग्री डाले

★ गिलोय हरी 100 ग्राम
★किसमिश 10 पीस
★छुहारे 5 पीस
★तुलसी पत्ते 50 पीस
★पपीता पत्ता 1पीस
★शहद 5 चम्मच

सभी सामग्री को तब तक उबाले जब तक आधा न रह जाए।

3 ग्लास बाकी बचा काढ़ा ठण्डा होने पर
1 ग्लास सुबह
1 दुपहरी
1 शाम को ले।

यह क्रिया 3 दिन लगातार करे।


इस अयूर्वादिक दवा और काढ़े के फायदे जाने।

 गले में खराश, खांसने पर भी बलगम नहीं निकल सकता, छाती में दर्द और टीस महसूस होना, बलगम बाहर नहीं आ पाता और रोगी को सटकना पड़ता है, खांसी के साथ कूल्हे में भी दर्द, अत्यधिक बोलने अथवा गाने के कारण गले में खराश, दर्द, बिस्तर की गमीं से एवं शाम के वक्त अधिक परेशानी, ठंडा पानी पीने से आराम मिले, तो साथ ही इसमें रोगी को बार-बार पेशाब जाना पड़ता है और खांसते समय अपने आप ही पेशाब निकल जाता है, सांस अंदर खींचने में अधिक परेशानी होती है।

 छाती में लगातार दर्द, जरा-सा हिलते ही छाती में जकड़न, कर्कश आवाज के साथ सूखी खांसी, गहरी व तेज सांसें, सांस छोड़ने पर परेशानी बढ़ती है, खांसने में अधिक शक्ति खर्च करनी पड़ती है, आधी रात के बाद अधिक परेशानी होती है। ठंडी, सर्दीली हवाओं से हो गई हो, तो

सूखी, तीव्र खांसी, खांसते-खांसते मरीज उठकर बैठ जाता है, गर्म कमरे में आने पर अथवा कुछ खाने-पीने पर अधिक खांसी, ऐसा लगना जैसे छाती फट जाएगी, खांसते समय रोगी छाती को हाथों से जकड़ लेता है, हिलने-डुलने-बैठने से परेशानी बढ़ जाती है,

खांसते समय सिर में भयंकर पीड़ा, जैसे सिर फट जाएगा, रोगी दर्द से चिल्ला उठता है और दोनों हाथों से सिर पकड़ लेता है। साथ ही पेशाब की थैली, घुटनों और पैरों में भी खांसते समय दर्द होता है, दर्द के कारण रोगी लेट जाता है,

• यदि बलगम के साथ खांसी आए और बलगम में तीव्र बदबू हो, जिससे रोगी भी परेशान हो,

• यदि लंबे अर्से से ऐंठन के साथ बलगमयुक्त खांसी हो, जिसमें खून भी आता हो,

• यदि बलगम अत्यधिक हो और ऐसा लगे,जैसे पूरी छाती इससे भरी हुई है,बलगम की वजह से सीटी जैसी आवाजें सुनाई पड़ती हों, सांस लेने में तकलीफ हों,

• यदि खांसी बहुत जिद्दी हो अर्थात किसी दवा से फायदा न हो रहा हो एवं खांसने में बाई छाती से बाएं कंधे तक दर्द हो और प्राय:सूखी खांसी हो,

• यदि काली खांसी हो और खांसने पर तेज आवाज हो, अधिक जोर लगाना पड़े और लगातार खांसी के दौरे उठते रहें,

यदि खांसी बलगम के साथ हो, रात में बढ़ जाए, झागदार बलगम हो,

• यदि खांसी तुरही अथवा दुंदुभि जैसी आवाज के साथ हो, गले में रूखापन एवं दर्द हो, छाती की मांसपेशियों में अधिक खिंचाव हो,

इन सभी लक्ष्यण में यह दवा रामबाण है।
किसी भी शरीरक  स्मयसा के लिए  contact करे।
Whats 94178 62263
Email-sidhayurveda@gmail.com

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