सिद्ध धातु पुष्टि कल्पचुर्ण-पुराने से पुराने धातु रोग को करे जड़ से खत्म


           सिद्ध धातु पुष्टि योग

पुराना धातु रोग,वीर्य कमी, शीघ्रपतन,मसाने में गर्मी
         
सेवन विधि:1 चम्मच चुर्ण:3 गोली धातु गोली:1 चद्रप्रभा वटी

👉 यह एक समय की खुराक है।सुबह शाम खाने से 30 मिनट बाद पानी से सेवन कर 200 ml दूध ठंडा दूध सेवन करे। गर्म, तली खःटी वस्तु उपयोग न करे।

👉 कम से कम 21 से 90 दिन कोर्स करे

रोग और दवा की जानकारी ही आप के रोग को खत्म करेगी कृपया ध्यान से पूरी जानकारी पढ़े।⤵️

वीर्य कमी, वीर्य नबनना , शक्राणु कमी,सपनदोष, पुराने धातु रोग ,मसाने की गर्मी और  शरीर की हर कमजोरी में करे फायदा। 

नोटः शुगर मरीज न ले क्योंकि इसमें मिश्री होती है। बिना मिश्री के मंगवा सकते हैं पर पहले शुगर की जानकारी दे।

सिद्ध धातू पुष्टि कल्पचुर्ण घटक

कौंचबीज बीज 100 ग्राम  
आवला चुर्ण     100 ग्राम 
तुलसी बीज     100 ग्राम 
कीकर फली     100 ग्राम
सतावरी           100 ग्राम 
बड़ दूध            100 ग्राम 
सालम पंजा       50 ग्राम
सफेद मूसली     50 ग्राम
मिश्री              100 ग्राम 

50 ग्राम मुलहठी, 25 ग्राम छोटी इलायची के बीज,
3 महत्वपूर्ण भस्मों के साथ सभी लो मिलाकर चुर्ण बनाया जाता है।

परहेज :

 गर्म मिर्च मसालेदार पदार्थ और मांस, अण्डे आदि, हस्तमैथुन करना, अश्लील पुस्तकों और चलचित्रों को देखना, बीड़ी-सिगरेट, चरस, अफीम, चाय, शराब, ज्यादा सोना आदि बन्द करें।

नोटः यह सिद्ध योग है जो  पुराने से भी पुराने धात रोग को ठीक कर देता है।

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सिद्ध धातु पुष्टि के लाभः

☑️  पेशाब में गर्मी की जलन, गर्मी कारण इंफेक्शन जड़ से खत्म होगी।
☑️ पुरषों में सपनदोष की समस्या जड़ से होगी ठीक।
☑️ धातु सबंधी कोई रोग  जड़ से खत्म होगा।
☑️ विर्य में होगी विर्द्धि
                      
आज के युग में अनैतिक सोच और अश्लीलता के बढ़ने के कारण आजकल युवक और युवती अक्सर अश्लील फिल्मे देखते और पढते है तथा गलत तरीके से अपने वीर्य और रज को बर्बाद करते है!

 ⏯️ अधिकतर लड़के-लड़कीयां अपने ख्यालों में ही शारीरिक संबंध बनाना भी शुरू कर देते है!*

⏯️ जिसके कारण उनका लिंग अधिक देर तक उत्तेजना की अवस्था में बना रहता है, और लेस ज्यादा मात्रा में बहनी शुरू हो जाती है! और ऐसा अधिकतर होते रहने पर एक वक़्त ऐसा भी आता है! जब स्थिति अधिक खराब हो जाती है।

⏯️ और किसी लड़की का ख्याल मन में आते ही उनका लेस (वीर्य) बाहर निकल जाता है, और उनकी उत्तेजना शांत हो जाती है! ये एक प्रकार का रोग है जिसे शुक्रमेह कहते है!

👉 वैसे इस लेस में वीर्य का कोई भी अंश देखने को नहीं मिलता है! लेकिन इसका काम पुरुष यौन-अंग की नाली को चिकना और गीला करने का होता है जो सम्बन्ध बनाते वक़्त वीर्य की गति से होने वाले नुकसान से लिंग को बचाता है!

     क्या आप को धातु रोग तो नही है
            जाने पुरी जानकारी
             
घात गिरने की समस्या रोग के मुकाबले एक लक्षण ज्यादा होता है।यदि समस्या अत्यधिक हस्तमैथुन या सेक्स के कारण होती है, तो दीर्घकालिक यौन क्रीड़ा थकान से संबंधित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

16 से 35 साल तक नोजवानों को  धातु की ही समस्या देखी जाती है। जिस से उन को लगता है कि यह नमर्दी रोग है पर ऐसा नही होता ।

▶️  सपनदोष का होना
▶️ शीघ्र पतन होना।
▶️ शिश्न में पानी जैसा तरल आना।
▶️ कब्ज का  रहना
▶️ कमजोरी महसूस करना
▶️ संभोग के समय कुछ देर उतेजना के बाद     उतेजना का खत्म होना।
▶️मन का कमजोर होना
▶️ पेशाब के साथ चिपचिपा पानी बहना।
▶️ संभोग से डर या इच्छा न होना
▶️पेशाब में जलन या गर्मी महसूस करना।
▶️कमर के निचले भाग में दर्द जिसकी दर्द की तरंगें नीचे तक जाएँ
▶️ अंडकोष या पेरिनियम में दर्द,
▶️ चक्कर आना,
▶️ सामान्य कमज़ोरी,
▶️ रात को पसीना आना,
▶️ अंडकोष क्षेत्र में पसीना आना,
▶️ गर्म और नम त्वचा,
▶️ गर्म और नम हथेलियां और तलवे

अगर ऐसा ही है तो यह धातू रोग है जो आदमी को तन मन से कमजोर कर देता है।

आप जी सिद्ध धातु पुष्टि कल्पचुर्ण कर रोग से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

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धात रोग का प्रमुख कारण क्या है? 

☑️ अधिक कामुक और अश्लील विचार रखना!
☑️ मन का अशांत रहना!
☑️ अक्सर किसी बात या किसी तरह का दुःख मन में होना!
☑️ दिमागी कमजोरी होना!
☑️ व्यक्ति के शरीर में पौषक पदार्थो और तत्वों व विटामिन्स की कमी हो जाने पर!
☑️ किसी बीमारी के चलते अधिक दवाई लेने पर  व्यक्ति का शरीर कमजोर होना और उसकी प्रतिरोधक श्रमता की कमी होना।
☑️ अक्सर किसी बात का चिंता करना।
☑️ पौरुष द्रव का पतला होना।
☑️ यौन अंगो के नसों में कमजोरी आना
☑️ अपने पौरुष पदार्थ को व्यर्थ में निकालना व नष्ट करना (हस्तमैथुन अधिक करना)

         धात रोग के लक्षण क्या है

⏯️ मल मूत्र त्याग में दबाव की इच्छा महसूस होना।
⏯️ धात रोग का इशारा करती है।
⏯️ लिंग के मुख से लार का टपकना।
⏯️ पौरुष वीर्य का पानी जैसा पतला होना!
⏮️ शरीर में कमजोरी आना!
▶️ छोटी सी बात पर तनाव में आ जाना!
▶️ हाथ पैर या शरीर के अन्य हिस्सों में कंपन या कपकपी होना!

⏯️ पेट रोग से परेशान रहना या साफ़ न होना, कब्ज होना!
⏯️ सांस से सम्बंधित परेशानी, श्वास रोग या खांसी होना!
⏯️ शरीर की पिंडलियों में दर्द होना!
⏯️ कम या अधिक चक्कर आना!
⏯️ शरीर में हर समय थकान महसूस करना!
⏯️ चुस्ती फुर्ती का खत्म होना!
⏯️ मन का अप्रसन्न रहना और किसी भी काम में मन ना लगना इसके लक्षणों को दर्शाता है।

Online संपूर्ण योग भेजा जाता है।
संपर्क: सिद्ध अयुर्वेदिक आश्रम सिरहिन्द
Whats:94178 62263


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