सिद्ध मधुमेह कामक्ल्प चुर्ण- शुगर में आई कमजोरी में कारगर



शुगर रोगी के लिए कामक्ल्प चूर्ण महिलाओं और मर्दो के लिए कारगर है ।

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 सिद्ध मधुमेह नाशक कामकल्प चूर्ण

32 जड़ी बूटियों मिश्रण युक्त अयुर्वेदिक चुर्ण।

        शरीर मे दर्दों में से होगी मुक्ति


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शुगर से आई कमजोरी को जड़ करेगा पूरा।

अगर शुगर नॉर्मल करनी है तो हमेशा आटा भून कर रोटी बना कर खाए। ‌शुगर 2 दिन में नार्मल होने लगेगी।


जब किसी व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी होती है। इसका मतलब है वह व्यक्ति दिन भर में जितनी भी मीठी चीजें खाता है (चीनी, मिठाई, शक्कर, गुड़ आदि) वह ठीक प्रकार से नहीं पचती अर्थात उस व्यक्ति का अग्नाशय उचित मात्रा में उन चीजों से इन्सुलिन नहीं बना पाता इसलिये वह चीनी तत्व मूत्र के साथ सीधा निकलता है। 


इसे पेशाब में शुगर आना भी कहते हैं। जिन लोगों को अधिक चिंता, मोह, लालच, तनाव रहते हैं, उन लोगों को मधुमेह की बीमारी अधिक होती है। 


मधुमेह रोग में शुरू में तो भूख बहुत लगती है। लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है। शरीर सुखने लगता है, कब्ज की शिकायत रहने लगती है। 


अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती है और रेागी का वजन कम होता जाता है। शरीर में कहीं भी जख्म/घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता।

सबसे बड़ी बात सेक्स कमजोरी हो जाती हैं*

पर आधुनिक विशेषग्य इसपे खुलकर बात नही करते। मधुमेह या डायबिटीज का एक प्रभाव ऐसा भी है जिस पर अमूमन खुलकर चर्चा कम ही होती है। 


सच यह है कि असुविधाजनक चर्चा मानकर छोड़ दिए जाने से इस गंभीर नुक्सान के प्रति जागरूकता लाने का एक महत्वपूर्ण पहलू छूट जाता है।


आधुनिक विशेषग्यों का मानना है कि मधुमेह ग्रस्त स्त्रियों और पुरुषों में सेक्स संबंधी ऐसी शिथिलता आ जाती है जिसके कारण इच्छा होते हुए भी ऐसे मरीज सेक्स के प्रति अक्षम हो जाते हैं।


पर आयुर्वेद ऐसा नही मानता ,आयुर्वेद अनुसार हर रोग का इलाज है। बस गहरे ध्यान से इलाज की जरूरत होती है।


आयुर्वेद सदियो से शुगर से आई कमजोरी को ठीक करता आया है।


हम बता रहे वो  कामकल्प चुर्ण जो शुगर के मरीज के लिए रामबाण है। यह दवा महिलाओं और मर्द दोनों के लिए कारगर है

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आप खुद तैयार कर सकते है


इन्द्रजो तल्ख़       250 ग्राम

करेला चुर्ण          200 ग्राम

गिलोय                100 ग्राम

चरायता              100 ग्राम

छोटी हरड़          100 ग्राम

सर्पगन्धा             100 ग्राम

मिचका बीज चुर्ण 100 ग्राम

अश्वगान्ध            100 ग्राम

सतावर               100 ग्राम

आँवला चुर्ण        100 ग्राम

बरगद फल         100 ग्राम (चुर्ण)

तुलसीबीज         100 ग्राम

बाबुल फली       100 ग्राम (बीज रहित)

कौंचबीज काला  100 ग्राम

कंदबीज             100ग्राम

बरगद दूध(सुखा) 100 ग्राम

सालम मिश्री        125 ग्राम

सालम पंजा।       125 ग्राम

जायफल              50 ग्राम

जावित्री।             50ग्राम

चार गोंद।            50 ग्राम 

छोटी इलायची      20 ग्राम

कालीमिर्च।           50 


सभी चूर्ण को मिलाकर 250 ग्राम गिलोय रस और 250 ग्राम एलोवेरा रस में भावना दे।


सेवन विधि - सुबह -शाम  3 से 5 ग्राम दूध (बिना मीठा) से लेते रहे 


 सिद्ध मधुमेह नाशक कल्पचूर्ण के वफायदे 


शुगर कट्रोल में रहेगी ।शुगर के कारण आई शरीरक कमजोरी दूर  हो जाएगी शुगर कारण सेक्स कमजोरी दूर होगी।





मधुमेह के रोगी इसका करें सेवन


जौ का आटा 6 किलो में चने का बेसन 2 किलो मिला कर इसकी रोटी खायें ।


मधुमेह कैसे होता है


जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।


यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ी होने के कारण होता है। इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 श्रेणी में रखा जाता है। पहली श्रेणी के अंतर्गत वह लोग आते हैं जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान है और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।


मधुमेह में बड़ा खतरा


डायबिटीज के मरीजों में सबसे ज्यादा मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक से होती है। जो व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा आम व्यक्ति से पचास गुना ज्यादा बढ़ जाता है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से हार्मोनल बदलाव होता है और कोशिशएं क्षतिग्रस्त होती हैं जिससे खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित होती हैं। इससे धमनी में रुकावट आ सकती है या हार्ट अटैक हो सकता है। स्ट्रोक का खतरा भी मधुमेह रोगी को बढ़ जाता है। डायबिटीज का लंबे समय तक इलाज न करने पर यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे व्यक्ति हमेशा के लिए अंधा भी हो सकता है।


मधुमेह के लक्षण

-ज्यादा प्यास लगना

-बार-बार पेशाब का आना

-आँखों की रौशनी कम होना

-कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना

-हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म

-बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना

-चक्कर आना

-चिड़चिड़ापन



मधुमेह से बचाव के यह कुछ उपाय आपके काम आएंगे


- अपने ग्लूकोज स्तर को जांचें और भोजन से पहले यह 100 और भोजन के बाद 125 से ज्यादा है तो सतर्क हो जाएं। हर तीन महीने पर HbA1c टेस्ट कराते रहें ताकि आपके शरीर में शुगर के वास्तविक स्तर का पता चलता रहे। उसी के अनुरूप आप डॉक्टर से परामर्श कर दवाइयां लें।


- अपनी जीवनशैली में बदलाव करें और शारीरिक श्रम करना शुरू करें। जिम नहीं जाना चाहते हैं तो दिन में तीन से चार किलोमीटर तक जरूर पैदल चलें या फिर योग करें।


- कम कैलोरी वाला भोजन खाएं। भोजन में मीठे को बिलकुल खत्म कर दें। सब्जियां, ताज़े फल, साबुत अनाज, डेयरी उत्पादों और ओमेगा-3 वसा के स्रोतों को अपने भोजन में शामिल कीजिये। इसके अलावा फाइबर का भी सेवन करना चाहिए।

- दिन में तीन समय खाने की बजाय उतने ही खाने को छह या सात बार में खाएं।


- धूम्रपान और शराब का सेवन कम कर दें या संभव हो तो बिलकुल छोड़ दें।


- आफिस के काम की ज्यादा टेंशन नहीं रखें और रात को पर्याप्त नींद लें। कम नींद सेहत के लिए ठीक नहीं है। तनाव को कम करने के लिए आप ध्यान लगाएं या संगीत आदि सुनें।


- नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराते रहें और शुगर लेवल को रोजाना मॉनीटर करें ताकि वह कभी भी लेवल से ज्यादा नहीं हो। एक बार शुगर बढ़ जाता है तो उसके लेवल को नीचे लाना काफी मुश्किल काम होता है और इस दौरान बढ़ा हुआ शुगर स्तर शरीर के अंगों पर अपना बुरा प्रभाव छोड़ता रहता है।


- गेहूं और जौ 2-2 किलो की मात्रा में लेकर एक किलो चने के साथ पिसवा लें। इस आटे की बनी चपातियां ही भोजन में खाएं।


- मधुमेह रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रौकोली, टमाटर, बंद गोभी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।


- फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद, संतरा, मौसमी, जायफल, नाशपाती को शामिल करें। आम, केला, सेब, खजूर तथा अंगूर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनमें शुगर ज्यादा होता है।


- मेथी दाना रात को भिगो दें और सुबह प्रतिदिन खाली पेट उसे खाना चाहिए।


- खाने में बादाम, लहसुन, प्याज, अंकुरित दालें, अंकुरित छिलके वाला चना, सत्तू और बाजरा आदि शामिल करें तथा आलू, चावल और मक्खन का बहुत कम उपयोग करें।


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